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अभिमंत्रित रुद्राक्ष माला से विभिन्न जपो के करने का बिधान है ।
गायत्री मन्त्र के विभिन्न स्वरुपो द्वारा विभिन्न कमनाओ कि पूर्ति के लिए यह जाप किया जाता है ।
पाठ करने वाले मे एक विलक्षण शक्ति का संचार होता है ।
शोक,रोग,चोट,बहारी दुष्प्रभाव,बिष-प्रहार,असौन्दर्य,बाझपन,नपुंसकता सदृश कष्टओं से मुक्ति मिल्ति है ।
बशीकरण,आकर्षण,ग्रह बाधा ,दारिद्रय बाधा , राज्य सम्मान , राज दोष जैसे अनेक कस्टो का उद्दार होता है ।
शास्त्रो मे दिए गए मन्त्र बिधानो का चुना हुआ पाठ नीचे दिया गया है ।
विभिन्न गायत्री मन्त्रो के साथ यह जाप सम्पन्न होता है ।
इसे करने और लाभ पाने के लिए हमारे पास रुद्राक्ष माला होनी चाहिए। एक रुद्राक्ष माला में कुल 108 रुद्राक्ष की दाना होती है। हमें इन मंत्रों का जप प्रार्थना समय में सुबह और शाम 108 बार या दोनों समय करना चाहिए। आप नीचे सर्वश्रेष्ठ मन्त्र और रुद्राक्ष माला चुन सकते हैं । हम पशुपतिनाथ मंदिर में रुद्राक्ष प्राणप्रतिष्ठा करके भेजेंगे.
१) गणेश गायत्री मन्त्र

– ओम एक दंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धिमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात
- गणेश गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप परीक्षा मे सफलता के लिए किया जाता है . मन्त्र का सिद्धि हित सवा लाख ज़प आवश्यक है choose best rudraksha mala
2) ब्रह्म गायत्री

– ओम चतुर्मुखाये विद्महे हंसा रुढाय धिमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात
- ब्रह्म गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ पाठ दीर्घ जीवन के लिए किया जाता है choose jap rudraksh mala
३) विष्णु गायत्री

– ओम नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धिमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात
- विष्णु गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ पाठ उत्तम स्वास्थ्य के लिए किया जाता है choose best rudraksh mala
४) हनुमान गायत्री

– ओम आंजनेयाय विद्महे , वायु पुत्राये धिमहि तन्नो मारुती प्रचोदयात
- हनुमान गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप शत्रु हनन या विजय के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
५) रुद्र गायत्री

– ओम पंचवक्राय विद्महे महादेवाये धिमहि तन्नो रुद्र प्रचोदयात
- रुद्र गायत्री को शिव गायत्री भी कहते है . रुद्र गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप मानसिक शान्ति और आपतियो के बिनाश के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
६) नृसिंह गायत्री

– ओम उग्रनृसिंहहाये विद्महे , वज्रनखाय धिमहि तन्नो नृसिंह प्रचोदयात
- नृसिंह गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप राज भय (सरकारी तंत्र भय) से रक्षा के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
७) बरुण गायत्री

– ओम जलबिम्बाये विद्महे , नली पुरुषाय धीमही तन्नो बरुण प्रचोदयात
- बरुण गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप खेतो पर वांछित वर्षा या जल संकट को दुर करने के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
८ ) इन्द्र गायत्री

– ओम सहस्त्र नेत्राय विद्महे ,वज्र हस्ताय धीमही तन्नो इन्द्र प्रचोदयात
- इन्द्र गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप अप्रत्यासित दुर्घटनाओ – येथा बिजली गिरना,आग लगना- इत्यादि के लिए किया जाता है . choose rudraksha mala
९) राम गायत्री मन्त्र

– ओम दशरथये विद्महे , सीता बल्लभाय धीमही,तन्नो राम: प्रचोदयात
- राम गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप प्रिय के शुभ और दीर्घ जीवन की कामना हेतु किया जाता है choose best rudraksha mala
१०) कृष्ण गायत्री मन्त्र

– ओम देवकी नन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमही ,तन्नो कृष्ण प्रचोदयात
- कृष्ण गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप धार्मिक अनुष्ठान की सम्पूर्ण हित और अपनी निष्ठा की रक्षा हित किया जाता है choose best rudraksha mala
११) दुर्गा गायत्री मन्त्र

– ओम दुर्गा देव्यै विद्महे,महाकालय धीमही,तन्नो दुर्गा प्रचोदयात
- दुर्गा गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जप किसी भी प्रकार की दुर्गति के नाश के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
१२) यम गायत्री मन्त्र

– ओम सुर्य पुत्राय विद्महे, महाकालय धीमही,तन्नो यम प्रचोदयात
- यम गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ ज़प भाई की दिर्घायु और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
१३) लक्ष्मी गायत्री

– ओम महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णुप्रियायै धीमही तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात
- लक्ष्मी गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ ज़प धन धान्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है choose best rudraksha mala
१४) सीता गायत्री

– ओम जनक नंदिने विद्महे ,भुमिजाये धीमही ,तन्नो सीता प्रचोदयात
- सीता गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ जाप भी पति की सुरक्षा और स्वास्थ्य समृद्धि हित किया जाता है choose best rudraksha mala
१५) तुलसी गायत्री

– ओम श्रीतुलस्ये विद्महे ,विष्णु प्रियाय धीमही तन्नो वृन्दा प्रचोदयात
- तुलसी गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ ज़प मन चाहे बर प्राप्ति एवम सन्तान के लिए किया जाता है . choose rudraksha mala
१६) सरस्वति गायत्री

– ओम सरस्वते विद्महे ,ब्रह्मपुत्रे धीमही ,तन्नो देवी प्रचोदयात
- सरस्वति गायत्री का रुद्राक्ष माला के साथ ज़प कला क्षेत्र मे प्रतिष्ठा और सम्मान पाने हेतु किया जाता है . Choose rudraksha mala
17) गायत्री – गायत्री माता

– ” ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो योन प्रचोदयात ”
- यह गायत्री मंत्र मुख्य मंत्र है जिसे हर घर में जप (पाठ) किया जाता है। सभी देव / देवी के गायत्री मन्त्र मुख्य गायत्री मंत्र का रूप हैं। इसका महत्व सभी को अच्छी तरह से पता है। यह एक देवी मंत्र है जो सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने वाली देवी गायत्री को समर्पित है। गायत्री मंत्र का रुद्राक्ष माला से जप करने से दुना लाभ मिलता है।
- गायत्री का अर्थ इसे गाना है। केवल एक बार गायत्री मंत्र उच्चारण करने से एक दिन का पाप मिट जाता है । यदि १० बार तो साल भर का . हमे रोज १०८ बार शुभ साम गायत्री ज़प करना है येही हमर धर्म है. रोज सन्ध्या यानी सुभे साम गायत्री ज़प करने से सभी देवता खुस होते है . रुद्राक्ष माला मे गायत्री ज़प का बिशेष महत्व है .. Choose best rudraksha mala